
सिर्फ इंतज़ार नहीं ऐतबार भी चाहता है ये दिल, बेक़रारी के साथ साथ दीदार भी चाहता है ये दिल,वो जो सपने में भी कह दे , न हमे अपना ,उसे ही हकीक़त मानता है दिल, दिल का दर्द तो दिलवाले ही जानते है,वो क्या जाने जिसेने दिल लगाया ही नहीं है .......सिर्फ इंतज़ार नहीं ऐतबार भी चाहता है ये दिल.
1 comment:
bahut achchhi hai !
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