Sunday, May 17, 2009

अपनी मोहब्बत से रूठा नही करते


अपनी मोहब्बत से रूठा नही करते
न पूछो केसे कटे है
ये हजारो पल तुम्हारे बिन
कभी ये यादें रुलाती है
तो कभी ये मौसम सताते है
हमसे इंकार न करना
हमसे नाराज़ न होना
हमें दिल में बसालेना
हमें अपनी मोहब्बत देना
इस तर्पे हुए दिल से
यु रूठ नही करते
मोहब्बत है तू इबादत है तू
इस को यु रुसवा नही करते
इस ब्य्दर्द ज़माने से छुपाते है
कभी किसी से चर्चा भी नही करते
ऐ मेरी मोहब्बत ऐसा नही करते
ऐ मेरी मोहब्बत ऐसा नही करते
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2 comments:

Pradeep Kumar said...

ye bhi khoob hai bas proof theek kar lo

Unknown said...

Achha hai,some improvement required..any superb and heart touching